कोरबा: वन भूमि पर भूमाफियाओं का आतंक, पसान में वन विभाग की जमीन पर फर्जी पट्टों के सहारे कब्जा

पसान वन परिक्षेत्र में अवैध कब्जे की बढ़ती घटनाएं
कोरबा के पसान क्षेत्र में भूमाफियाओं का आतंक चरम पर है। वन विभाग की भूमि और सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भूमाफिया अब वन विभाग के आवासीय परिसर को निशाना बना रहे हैं, फर्जी पट्टों की आड़ में वे वन विभाग की जमीन पर निर्माण कार्य कर रहे हैं। इसके बावजूद, वन विभाग के अधिकारी इन घटनाओं पर कोई खास ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे अवैध कब्जाधारियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है।
वन विभाग की जमीन पर फर्जी पट्टों से कब्जा
ताजा मामला पसान वन परिक्षेत्र के आवासीय परिसर का है। यहाँ खसरा नंबर 181/2, जो वन विभाग के डीएफओ नार्थ वन मंडल अधिकारी के नाम पर दर्ज है, उस पर भूमाफिया दिलीप साहू ने अवैध कब्जा कर लिया है। उन्होंने खसरा नंबर 180/3 और 180/5 का फर्जी पट्टा दिखाकर वन भूमि पर मकान बनाने का काम शुरू कर दिया है। जबकि ये भूमि बड़े झाड़ जंगल मद की श्रेणी में आती है। बताया जा रहा है कि इस कार्य में तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत भी हो सकती है।
वन विभाग की संपत्ति को नुकसान, अवैध निर्माण जारी
यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब वन विभाग की 50 साल पुरानी बाउंड्री वॉल के अंदर फर्जी पट्टा दिखाकर कब्जा किया जा रहा है। न केवल वन भूमि पर अवैध कब्जा हो रहा है, बल्कि वन विभाग की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यहाँ दुकानों और मकानों का निर्माण खुलेआम जारी है, जिससे वन विभाग की संपत्ति को भारी नुकसान हो रहा है।
डीएफओ से की गई शिकायत, फर्जी पट्टों की जांच की मांग
इस मामले में डीएफओ को आवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया है और वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है। साथ ही, खसरा नंबर 180/3 और 180/5 के फर्जी पट्टों की विस्तृत जांच की भी मांग की गई है। वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) और अन्य कानूनों के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की गई है।
कार्रवाई की मांग, वन भूमि की सुरक्षा पर जोर
वन भूमि पर हो रहे इस अवैध कब्जे को रोकने के लिए स्थानीय जनता ने वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। वन अधिनियम के तहत सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि वन भूमि और सरकारी संपत्ति को बचाया जा सके।









