छत्तीसगढ़ का अनोखा गांव: जहां घरों में छिपकली की तरह निकलते हैं मगरमच्छ, पकड़कर वापस पार्क में छोड़ते हैं लोग

छत्तीसगढ़ का अनोखा गांव: जहां घरों में छिपकली की तरह निकलते हैं मगरमच्छ, पकड़कर वापस पार्क में छोड़ते हैं लोग
जांजगीर-चांपा: जहां घरों में छिपकली की तरह निकलते हैं मगरमच्छ, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले का कोटमीसोनार गांव इन दिनों एक हैरान करने वाली वजह से सुर्खियों में है। यहां के लोगों के लिए घरों में छिपकली या चूहे दिखना आम बात हो सकती है, लेकिन आजकल उनके घरों और गलियों में मगरमच्छ के बच्चे रेंगते हुए मिल रहे हैं। यह नजारा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही आश्चर्यजनक यहां के लोगों का निडर रवैया है।
क्यों घरों तक पहुंच रहे हैं मगरमच्छ?
इस अजीबोगरीब घटना के पीछे की वजह कोटमीसोनार का प्रसिद्ध क्रोकोडायल पार्क है। दरअसल, पार्क में मौजूद मादा मगरमच्छों द्वारा दिए गए अंडे अब फूटने लगे हैं। बारिश के मौसम में इन अंडों से निकले नन्हे मगरमच्छ पार्क से बाहर निकलकर पास की गलियों और यहां तक कि लोगों के घरों में भी पहुंच रहे हैं। कोटमीसोनार के पास स्थित कर्रा नाला डैम भी मगरमच्छों का एक बड़ा ठिकाना है, जिससे बारिश के दौरान इनकी आवाजाही बढ़ जाती है।जहां घरों में छिपकली की तरह निकलते हैं मगरमच्छ
डर नहीं, दोस्ती जैसा है रिश्ता
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि गांव के लोगों में इन नन्हे मगरमच्छों को लेकर कोई डर या दहशत नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि ये बच्चे किसी पर हमला नहीं करते। वे इन्हें किसी मेहमान की तरह मानते हैं और बड़ी ही सहजता से पकड़कर वापस उनके घर, यानी क्रोकोडायल पार्क में छोड़ आते हैं। स्थानीय निवासी सुबोध थवाइत बताते हैं कि पार्क के आसपास के गांवों में मगरमच्छ मिलना एक आम बात है और ग्रामीण खुद ही इनका रेस्क्यू कर लेते हैं।जहां घरों में छिपकली की तरह निकलते हैं मगरमच्छ
वन विभाग के बजाय ग्रामीण बने रक्षक
आमतौर पर ऐसे मामलों में वन विभाग की टीम को सक्रिय होना चाहिए, लेकिन यहां की तस्वीर थोड़ी अलग है। ग्रामीणों के अनुसार, वन विभाग की टीम तभी मौके पर पहुंचती है, जब उन्हें सूचना दी जाती है। लेकिन यहां के लोग इतने अभ्यस्त हो चुके हैं कि वे विभाग का इंतजार किए बिना खुद ही इन मगरमच्छों को सुरक्षित उनके प्राकृतिक आवास में पहुंचा देते हैं। यह इंसान और वन्यजीव के बीच सह-अस्तित्व का एक अनूठा उदाहरण पेश करता है।जहां घरों में छिपकली की तरह निकलते हैं मगरमच्छ









