सपनों का घर बना काल: 3 दिन पुराने छज्जे की सेंट्रिंग खोलते वक्त दर्दनाक हादसा, मलबे में दबकर मकान मालिक की मौत

सपनों का घर बना काल: 3 दिन पुराने छज्जे की सेंट्रिंग खोलते वक्त दर्दनाक हादसा, मलबे में दबकर मकान मालिक की मौत
मुख्य बिंदु:
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बारगांव में निर्माणाधीन मकान का कच्चा छज्जा गिरने से बड़ा हादसा।
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मलबे में दबने से 25 वर्षीय मकान मालिक त्रिदेव गिरी की दर्दनाक मौत।
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एक मजदूर गंभीर रूप से घायल, इलाज के लिए किया गया रेफर।
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ढलाई के सिर्फ 3 दिन बाद सेंट्रिंग खोलना बना हादसे की वजह।
बारगांव: सपनों का घर बना काल: 3 दिन पुराने छज्जे की सेंट्रिंग खोलते वक्त दर्दनाक हादसा, एक युवक अपने सपनों का आशियाना बना रहा था, लेकिन उसे क्या पता था कि यही घर उसके लिए काल बन जाएगा। बारगांव के वार्ड क्रमांक 04 में एक निर्माणाधीन मकान में मंगलवार शाम उस वक्त मातम पसर गया, जब तीन दिन पहले ही ढाला गया एक छज्जा भरभराकर गिर गया। इस दर्दनाक हादसे में मलबे के नीचे दबने से 25 वर्षीय मकान मालिक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक मजदूर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है।
कैसे सपनों का घर बन गया मौत का मलबा?
जानकारी के अनुसार, बारगांव निवासी त्रिदेव गिरी (उम्र 25 वर्ष), पिता पंचराम गिरी, अपना नया मकान बनवा रहे थे। घर में काम तेजी से चल रहा था। मंगलवार शाम करीब 6 बजे मकान मालिक त्रिदेव और एक मजदूर इंद्रकुमार वाणी उर्फ सुनील (उम्र 42 वर्ष) मिलकर मकान के छज्जे में लगी सेंट्रिंग (लोहे की प्लेट और बांस-बल्ली का सपोर्ट) को हटा रहे थे।सपनों का घर बना काल: 3 दिन पुराने छज्जे की सेंट्रिंग खोलते वक्त दर्दनाक हादसा
जानलेवा साबित हुई जल्दबाजी
बताया जा रहा है कि इस छज्जे की ढलाई (कास्टिंग) सिर्फ तीन दिन पहले ही हुई थी। कंक्रीट को पूरी तरह से सेट होने और मजबूती पकड़ने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना ही सेंट्रिंग को हटा दिया गया। नतीजा यह हुआ कि कच्चा छज्जा अपना वजन सहन नहीं कर सका और सीमेंट-ईंट के मलबे के साथ भरभराकर ढह गया।सपनों का घर बना काल: 3 दिन पुराने छज्जे की सेंट्रिंग खोलते वक्त दर्दनाक हादसा
दुर्भाग्य से, उस वक्त त्रिदेव और इंद्रकुमार ठीक उसके नीचे ही काम कर रहे थे और दोनों मलबे की चपेट में आ गए।
एक की मौत, दूसरा जिंदगी के लिए लड़ रहा जंग
चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़े और किसी तरह दोनों को मलबे से बाहर निकाला। उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद त्रिदेव गिरी को मृत घोषित कर दिया। वहीं, मजदूर इंद्रकुमार की हालत बेहद गंभीर होने के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।सपनों का घर बना काल: 3 दिन पुराने छज्जे की सेंट्रिंग खोलते वक्त दर्दनाक हादसा
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह हादसा निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों और तकनीकी पहलुओं को नजरअंदाज करने के खतरों को एक बार फिर उजागर करता है।सपनों का घर बना काल: 3 दिन पुराने छज्जे की सेंट्रिंग खोलते वक्त दर्दनाक हादसा









