कुएं में डूबने से मासूम की मौत: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर लापरवाही का आरोप

धमतरी/मगरलोड: धमतरी जिले के मगरलोड थाना अंतर्गत ग्राम तेंदुभाठा में एक मासूम बच्ची की कुएं में डूबने से मौत का मामला सामने आया है। यह हादसा गांव में सनसनी फैला गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। कुएं में डूबने से मासूम की मौत: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर लापरवाही का आरोप
घटना की जानकारी
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम तेंदुभाठा के निवासी और विद्युत विभाग में वाहन चालक आसदेव ध्रुव ने 23 अक्टूबर को अपनी 3 वर्षीय बेटी सेजल को आंगनबाड़ी में पढ़ने के लिए सुबह 10 बजे छोड़ दिया। दोपहर 2 बजे गांव की मितानिन ने उन्हें फोन कर घर जल्दी आने को कहा। जब वे पहुंचे, तो झुरमुट झाड़ी के पास ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी थी, जहां उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी सेजल कुएं में डूब गई है। पुलिस ने मर्ग कायम कर बच्ची का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। कुएं में डूबने से मासूम की मौत: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर लापरवाही का आरोप
आंगनबाड़ी की स्थिति
ग्राम तेंदुभाठा में शासकीय प्राथमिक स्कूल के निकट आंगनबाड़ी भवन स्थित है। यह स्थान मृतक के घर से मात्र 400 मीटर दूर है। सीसी सड़क से 50 फीट दूर एक पुराना कुआं है, जहां बच्ची खेलते समय नहीं जा सकती थी। कुएं में डूबने से मासूम की मौत: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों की मांग
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की लापरवाही के कारण इस घटना के लिए ग्रामीण आक्रोशित हैं। गांव में हुई बैठक में सर्वसम्मति से कार्यकर्ता और सहायिका को हटाने की मांग की गई। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें हटाया नहीं जाता, तब तक वे अपनी बच्चियों को आंगनबाड़ी भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। कुएं में डूबने से मासूम की मौत: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर लापरवाही का आरोप
जांच की कार्रवाई
घटना के बाद 26 अक्टूबर को जांच टीम गांव पहुंची और स्थल रिपोर्ट तैयार की। सुपरवाइजर और विभागीय कर्मचारियों ने गांव में ग्रामीणों के साथ मिलकर घटना की जांच की। ग्रामीणों ने बताया कि कार्यकर्ता और सहायिका द्वारा बच्चों की देखभाल में लापरवाही बरती गई है, और केंद्र का संचालन मनमर्जी से किया जा रहा था। कुएं में डूबने से मासूम की मौत: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर लापरवाही का आरोप
उच्च अधिकारियों की अनदेखी
ग्रामीणों ने बताया कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही से नहीं दिया जा रहा था। इसके अलावा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया है। ग्रामीणों ने एकमत होकर कार्यकर्ता और सहायिका को हटाने की मांग की है। यदि उनकी मांग नहीं मानी गई, तो उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है।
इस मामले में जिला महिला बाल विकास विभाग से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी जगरानी इक्का से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। कुएं में डूबने से मासूम की मौत: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर लापरवाही का आरोप
 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				









