दूसरा समाचार (रेत का संकट):
जैसलमेर में प्रकृति का प्रहार: रेतीले तूफानों से सड़कें ओझल, जनजीवन अस्त-व्यस्त
मोहनगढ़ क्षेत्र में धूल भरी आंधियों का कहर, सड़कों पर बिछी रेत की चादर ने रोकी राहें, वाहन चालक और आम लोग परेशान।
मुख्य बातें:
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जैसलमेर के मोहनगढ़ में सड़कों पर भारी मात्रा में रेत जमा।
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यातायात बुरी तरह प्रभावित, छोटे वाहन रेत में फंस रहे।
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अतिक्रमण के कारण सड़कें पहले ही हो चुकी हैं संकरी।
जैसलमेर/मोहनगढ़: राजस्थान के जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र में इन दिनों प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार चल रही तेज धूल भरी आंधियों ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सबसे बड़ी समस्या नहरी क्षेत्र में आम रास्तों पर जमा हुई रेत के कारण उत्पन्न हुई है, जिससे कई स्थानों पर सड़कें पूरी तरह से रेत में दब गई हैं। रेतीले तूफानों से सड़कें ओझल
रेत के आगोश में सड़कें, यातायात बाधित
ग्रामीणों का कहना है कि सड़कों पर कई-कई फुट ऊंची रेत जमा हो गई है, जिससे उनका अस्तित्व ही मिट गया है। इस कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। विशेषकर छोटे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके वाहन रेत में धंस जाते हैं। इन फंसे हुए वाहनों को निकालने के लिए लोगों को घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है। रेतीले तूफानों से सड़कें ओझल
मोहनगढ़-बांकलसर मार्ग की स्थिति बदतर
मोहनगढ़ से बांकलसर जाने वाली सड़क की हालत विशेष रूप से चिंताजनक है। यहां सड़क पर इतनी अधिक रेत जमा हो गई है कि डामरीकृत सड़क कहीं नजर ही नहीं आ रही। ऐसा लगता है मानो सड़क कभी थी ही नहीं, और चारों ओर केवल रेत का समंदर हो। रेतीले तूफानों से सड़कें ओझल
अतिक्रमण ने बढ़ाई मुश्किलें
स्थानीय निवासियों जैसे रायसिंह राजपुरोहित, देवी सिंह, वीरमसिंह, रविशंकर, बलवंतसिंह, कमलसिंह राजपुरोहित, और गेमरसिंह राजपुरोहित ने बताया कि मोहनगढ़ से बांकलसर जाने वाली सड़क का वास्तविक कटान 65 फुट का है। लेकिन दुर्भाग्यवश, सड़क के किनारे स्थित खेत मालिकों द्वारा पट्टियां (तारबंदी) लगाकर अतिक्रमण कर लिया गया है, जिससे यह आम रास्ता अब सिकुड़कर मात्र 15 फुट का रह गया है। एक तो पहले से संकरे मार्ग और ऊपर से जमा हुई रेत ने आम लोगों की मुसीबतें कई गुना बढ़ा दी हैं। रेतीले तूफानों से सड़कें ओझल
ग्रामीणों की गुहार, प्रशासन दे ध्यान
इस विकट स्थिति ने स्थानीय लोगों के दैनिक जीवन को मुश्किल बना दिया है। आवागमन में हो रही परेशानी के कारण उनके रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग और प्रशासन से इस समस्या का शीघ्र समाधान करने और सड़कों से रेत हटवाने की गुहार लगाई है ताकि यातायात सुचारू हो सके। रेतीले तूफानों से सड़कें ओझल