खूंखार दंतैल की वापसी से धमतरी में दहशत! फसल रौंद रहा, दर्जन भर गांवों में हाई अलर्ट, जंगल में जाने पर रोक

खूंखार दंतैल की वापसी से धमतरी में दहशत! फसल रौंद रहा, दर्जन भर गांवों में हाई अलर्ट, जंगल में जाने पर रोक
खूंखार दंतैल की वापसी से धमतरी में दहशत! मानसून की दस्तक के साथ ही छत्तीसगढ़ के धमतरी के जंगलों में एक बार फिर हाथियों की वापसी ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। इस बार एक खूंखार दंतैल हाथी (BBM-1) के इलाके में घुसने से दहशत का माहौल है। यह हाथी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसके चलते वन विभाग ने दर्जन भर से ज्यादा गांवों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को जंगल की ओर न जाने की सख्त हिदायत दी है।
क्यों है यह दंतैल इतना खतरनाक? 15 मौतों का खौफनाक अतीत
वन विभाग के अनुसार, दंतैल हाथी स्वभाव से अधिक आक्रामक और हिंसक होते हैं। धमतरी जिले का इतिहास मानव-हाथी संघर्ष से भरा रहा है। पिछले 5 वर्षों में, इन हाथियों के हमले में लगभग 15 लोगों की जान जा चुकी है। इसी खौफनाक अतीत के कारण, दंतैल हाथी की मौजूदगी ने ग्रामीणों के दिलों में डर पैदा कर दिया है। हाथी वर्तमान में धमतरी वनमंडल के रेंगाडीह परिसर में विचरण कर रहा है और धान की खड़ी फसल को रौंद चुका है।खूंखार दंतैल की वापसी से धमतरी में दहशत!
किसानों की टूटती उम्मीद: ‘खेत में फसल, दिल में डर’
मगरलोड क्षेत्र के किसानों के लिए यह समय दोहरी चिंता का है। किसान कैलाशराम नेताम और भगवान सिंह बताते हैं कि यह इलाका असिंचित है और वे साल में बारिश के भरोसे केवल एक ही फसल ले पाते हैं। धान के पौधे अब बड़े हो रहे हैं, लेकिन हाथी के आगमन ने उनकी साल भर की मेहनत पर पानी फेरने का खतरा पैदा कर दिया है। उनकी आंखों में फसल की चिंता और हाथी का डर साफ झलक रहा है।खूंखार दंतैल की वापसी से धमतरी में दहशत!
वन विभाग का एक्शन मोड: 24×7 निगरानी, गांवों में मुनादी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग पूरी तरह से एक्शन मोड में है।
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हाई अलर्ट जारी: उत्तर सिंगपुर क्षेत्र के मगरलोड ब्लॉक में जलकुंभी, हथबंध, रेंगाडीह, राजाडेरा, तेंदूभाठा, कोरगांव, मड़ेली और चारभाठा समेत 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांवों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
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24×7 निगरानी: वन विभाग का ‘हाथी मित्रदल’ दंतैल हाथी की हर गतिविधि पर चौबीसों घंटे नजर रख रहा है। दल प्रमुख प्रेमलाल लहरे के नेतृत्व में टीम हाथी के लोकेशन की जानकारी लगातार व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उच्चाधिकारियों को दे रही है।
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गांवों में मुनादी: लोगों को सुरक्षित रखने के लिए गांवों में मुनादी कराई जा रही है और उन्हें किसी भी हाल में जंगल की ओर न जाने की चेतावनी दी जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर मानव-हाथी संघर्ष की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है, जहाँ प्रशासन के सामने ग्रामीणों की सुरक्षा और हाथियों के संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की एक बड़ी चुनौती है।खूंखार दंतैल की वापसी से धमतरी में दहशत!









